महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी ने फर्जी बिल पर किया लाखों का भुगतान, मामले पर जांच अधिकारी नियुक्त
महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी ने फर्जी बिल पर किया लाखों का भुगतान, मामले पर जांच अधिकारी नियुक्त
दैनिक समाचार पत्र कुबेर भूमि की खबर का असर
संतोष साहू / कुबेर भूमि
बिलासपुर – महिला एवं बाल विकास विभाग कि एक परियोजना अधिकारी ने फर्जी बिल पर लाखों रुपए का भुगतान किया है। जिसकी खबर प्रकाशित होने के बाद विभाग के उच्च अधिकारि के निर्देश पर मामले पर जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
गौरतलब है कि बिलासपुर महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत एकीकृत बाल विकास परियोजना सरकंडा, बिल्हा – 2 संचालित है। जहां पर एक परियोजना अधिकारी के द्वारा फर्जी बिल के माध्यम से लाखों रुपए का भुगतान करने का मामला प्रकाश में आया है। बताया जाता है कि उक्त भुगतान परियोजना अधिकारी ने क्षेत्र में दौरे के लिए वाहन का प्रयोग करने के एवज में श्रीवास्तव टूर एंड ट्रेवल्स को किया है यह कि कुल 4 लाख 22 हजार एक सौ रुपए का 15 किस्त में भुगतान किया जाना बताया जा रहा है।
दैनिक समाचार पत्र कुबेर भूमि के बिलासपुर प्रतिनिधि ने 14 दिसंबर 2022 में उक्त समाचार के संबंध में पहला एडिशन लिखने के पूर्व जानकारी लिया था तब मामले को लेकर सरकंडा परियोजना अधिकारी रीना बाजपेयी ने बताया कि उक्त ट्रैवल्स संचालक सुशील श्रीवास्तव उनके पति है जो रिटायर्ड सीनियर डिप्टी कलेक्टर है उनकी कार को किराए पर लिया गया था जिसके एवज में भुगतान किया गया है। मामले को लेकर कुबेर भूमि ने पड़ताल किया तब पता चला कि बिल पर दिए गए पते पर पूर्व व वर्तमान में श्रीवास्तव टूर एंड ट्रेवल्स नाम की कभी कोई ट्रैवल्स संस्था संचालित नहीं रही है।
दूसरी तरफ जब रिटायर्ड सीनियर डिप्टी कलेक्टर सुशील श्रीवास्तव से फोन पर जानकारी लिया गया तब उन्होंने भी स्वीकार किया कि उनकी किसी प्रकार की ट्रैवल एजेंसी नहीं है। अब मामले पर सवाल उठता है कि अगर श्रीवास्तव टूर एंड ट्रेवल्स नाम की कोई एजेंसी (संस्था) नही है तब उस फर्म के नाम से बिल कैसे दिया जा सकता है। अगर बिल को ध्यान से देखा जाए तो कुछ बिल पर बकायदा जीएसटी कटौती का भी उल्लेख किया गया है। दूसरा महत्वपूर्ण सवाल यह भी उठता है कि श्रीवास्तव टूर एंड ट्रेवल्स नाम से कोई संस्था ही नहीं है तो जीएसटी किस आधार पर भुगतान किया जाएगा आखिर किस उद्देश्य से जीएसटी कटौती का उल्लेख उक्त बिल पर किया जा रहा है। उक्त मामले को मिडिया ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिसके बाद विभाग के उच्च अधिकारी ने संज्ञान लिया और जांच कराने के लिए जांच अधिकारी नियुक्त किया है। बहुत जल्द जांच पूर्ण कर लेने की बात कही जा रही है।
उमाशंकर गुप्ता (जिला महिला बाल विकास अधिकारी)
मामले को लेकर जांच हेतु मुझे आदेश प्राप्त हुआ है विधिवत जांच पूर्ण करके सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
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