फदहाखार रिजर्व फारेस्ट कि भूमि पर अवैध मकान निर्माण, जिम्मेदार अधिकारी रोकने में नकाम या फिर मौन समर्थन……
फदहाखार रिजर्व फारेस्ट कि भूमि पर अवैध मकान निर्माण, जिम्मेदार अधिकारी रोकने में नकाम या फिर मौन समर्थन……

न्यूज़ बिलासपुर बंधु / संतोष साहू
बिलासपुर- फदहाखार रिजर्व फारेस्ट कि भूमि पर अतिक्रमणकारियों की नजर लंबे अरसे से है और उनके द्वारा लगातार बेजाकब्जा भी किया जा रहा है। उक्त रिजर्व वन भूमि पर कब्जे के साथ बेखौफ होकर धड़ल्ले से पक्के मकान का निर्माण भी कराया जा रहा है जिसे रोकने में वन अमला नकाम हो रहे यह फिर उनका मौन समर्थन है यह जॉच का विषय है। मामला चाहे जो भी हो अगर कहा जाए कि अतिक्रमणकारियों का हौसला व धनबल समक्ष वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी बौने होते नजर आ रहे हैं तो शायद कुछ गलत नहीं होगा।
बताया जाता है कि शहर से लगे एकमात्र फदहाखार में रिजर्व फॉरेस्ट कि भूमि वर्षों से स्थित है। जिस पर अतिक्रमणकारियों का शुरू से ही नजर है। और वे लोग योजनाबद्ध तरीके से धीरे-धीरे उक्त रिजर्व वन भूमि पर काबिज होकर पक्का मकान निर्माण करवा रहे हैं। जिसे रोक पाने में फदहाखार रिजर्व फॉरेस्ट के जिम्मेदार अधिकारी नकाम साबित हो रहे हैं। वहा वन भूमि पर अतिक्रमण के अलावा क्षेत्र में लगातार जगह-जगह बोर खनन का कार्य भी किया जा रहा है। यह सिलसिला लगातार जारी है जिसकी खबर वन विभाग के संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों को भी है। लेकिन उनके द्वारा सख्ती से कार्यवाही नहीं किया जाता है जिसका परिणाम देखने को मिल रहा है कि अतिक्रमणकारि की संख्या बढ़ती जा रही है। और उक्त वन भूमि पर लगातार कब्जा किया जा रहा है।
हाल ही में ताजा मामला प्रकाश में आया है जिसमे कि सिरगिट्टी परीक्षेत्र के अंतर्गत फदहाखार रिजर्व फारेस्ट कि भूमि पर लगातार अवैध अतिक्रमण किया जा रहा है। इस परिक्षेत्र की जिम्मेदारी डिप्टी रेंजर जितेंद्र साहू की है। जिसमें की इस बार ने फदहाखार रिजर्व फारेस्ट कि मेन गेट के समक्ष ही अतिक्रमणकारियों द्वारा लगभग 4 डिसमिल जमीन पर अवैध कब्जा कर मकान निर्माण कराया जा रहा है। जिसकी जानकारी वन विभाग के डिप्टी रेंजर जितेंद्र साहू को मौखिक रूप से दो बार दिया जा चुका है बावजूद इसके किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं किया जा रहा है जो समझ से परे है। मामले को लेकर क्षेत्र में चर्चा है कि गुलाबी मिठाई से कुछ वन योद्धाओं का मुंह मीठा कराया गया है इसलिए उक्त अतिक्रमणकारी के खिलाफ किसी प्रकार कि कार्यवाही नहीं किया जा रहा है।
अगर नियम कायदों की बात किया जाए तो रिजर्व फॉरेस्ट की भूमि पर किसी भी तरह के निर्माण कार्य के लिए केंद्र से अनुमति लेनी पड़ती है रिजर्व फारेस्ट वन घोषित होने की वजह से यहां होने वाला कोई भी विकास कार्य या निर्माण केंद्र सरकार के वन पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति के बाद ही संभव है। लेकिन यहा इस नियम का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। आवश्यकता है कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मामले पर संज्ञान ले और संबंधित जिम्मेदार कर्मचारियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगे ताकि भविष्य में इस तरह के अतिक्रमण ना हो सके। बाहर हाल देखने वाली बात होगी कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मामले पर किस तरह संज्ञान लेते है
कुमार निशांत (डीएफओ बिलासपुर)
अवैध निर्माण के संबंध में सूचना मिली है टीम भेजकर त्वरित कार्यवाही करता हूं।
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